About Us

प्रातः स्मरणीय परम पूज्य आचार्य श्री गुरुवर 108 विद्यासागर जी महामुनिराज की भावों की परिकल्पना कैसी होना चाहिए महानगर में श्रावक एवं सदगृहस्थ की जीवन शैली इस संदर्भ में आचार्य श्री जी के मार्गदर्शन के अनुसार एक प्रकल्प आचार्य श्री के समक्ष प्रस्तुत किया गया बाल ब्रह्मचारी वाणी भूषण विनय भैया इस संदर्भ में मुंबई में आचार्य श्री जी के संकेत से पधारे उनके मार्गदर्शन एवं सानिध्य में विस्तार से इसकी चर्चा की गई एवं भूमि अथवा भवन अधिकरण का भाव हुआ ।
महावीर निर्वाण महोत्सव दीपावली के दिवस 2018 को दोपहर में आचार्य श्री जी के श्रीमुख कमल से इस प्रकल्प का नामांकरण “संस्कारधाम” दिया गया तभी से समाज के सभी प्रबुद्ध श्रेष्ठी की लगातार चर्चाओं के बाद मलाड पश्चिम उपनगर में एक स्वतंत्र बिल्डिंग को लेने भाव हुआ ।
आचार्य श्री जी के समक्ष संपूर्ण विवरण के साथ चर्चा हुई जिसमें अति प्रसन्न मुद्रा में आचार्य श्री जी ने सबसे पहले “सात्विक भोजन शाला” एवं “टिफिन व्यवस्था “प्रारंभ करने का आशीर्वाद दिया एवं यह उद्बोधन दिया कि आगे के सारे कार्य इस के पुण्य से सहजता से होते रहेंगे।
इसमें होने वाले अन्य प्रकल्प “शिखर बधं भव्य जैन मंदिर” “आयुर्वेदिक औषधालय” “छात्रावास ”
“अहिंसक औषधि एवं हथकरघा उत्पाद का विक्रय केंद्र “आदि प्रकल्प भविष्य में प्रस्तावित हैं।

आप श्री से हम सभी का निवेदन है कि आप इस प्रकल्प से संरक्षक बनकर । हमारा गौरव बढ़ावे एवं हमें मार्गदर्शन एवं सहयोग प्रदान करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *