मुनि श्री 108 संधान सागर जी महाराज

मुनि श्री 108 संधानसागर जी महाराज का जीवन परिचय

  • पूर्व का नाम  :- बा. ब्र. रोहित  भैया जी जैन (काला)
  • पिता का नाम :- श्री अशोक जी जैन (काला)
  • माता का नाम :- श्रीमती आशा देवी जी जैन (काला)
  • भाई -बहिन के नाम ( जन्म के क्रम से ) :- 1. श्री मौनिक 2. आपका क्रम, 3. श्री मोहित
  • जन्म दिनांक/तिथि :- 25-09-1976, शनिवार आश्विन शुक्ल 2 (भाद्र शुक्ल) वि.सं. 2033
  • दिन/ स्थान/समय :- जयपुर (राजस्थान)
  • शिक्षा ( लौकिक/धार्मिक ) :- एम. कॉम एन. डी. डी. वाय. एन. सी. सी. डिप्लोमा प्राक्रतिक चिकित्सा (A ग्रेड)
  • ब्रह्यचर्यव्रत(प्रथम बार) :-
  • दिनांक/दिन/तिथि/स्थान(आजीवन):-  28-2-2002 बंडा (म.प्र.)
  • प्रतिमा :-  तीन प्रतिमा 2005
  • दिनांक/दिन/तिथि/स्थान :-
  • प्रतिमा :-  सप्तम प्रतिमा सन 2008 (सिलवानी) म.प्र.
  • दिनांक/दिन/तिथि/स्थान :-
  • मुनि दीक्षा :- 31-07-2015 शुक्रवार द्वितीय आषाड शुक्ल 15 (गुरुपूर्णिमा) वि.सं. 2072
  • दिनांक/दिन/तिथि/स्थान :-  श्री 1008 दिगंबर जैन अतिशय बीना बारहा तह.-देवरी जिला-सागर (म.प्र.)
  • दीक्षा गुरु :- आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज
  • विशेष :-  आपकी सीधी मुनि दीक्षा हुई ।मुनि श्री प्रमाण सागर जी महाराज  के संघस्त रहेते हुये कई क्र्तियों का संपादन, ध्यान शिविर, विधान आदि प्रभावक कार्य किये है फिर सिद्धोदय सिद्धक्षेत्र नेमावर में रहे इसके पूर्व में भाग्योदय तीर्थ में भी सेवा के कार्य किये हैं | (केशलोंच का नियम 2006 सिलवानी से, एक बार भोजन का नियम 2002 नेमावर वर्षायोग से लिया, ग्रह का त्याग 16-11-2001 से आजीवन नमक, मिटा का त्याग किया )