सल्लेखना समपन्न

परम पूज्य संत शिरोमणि मेरे गुरुवर मेरे भगवान जी आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज जी के ससंघ के मंगल सानिध्य में रात्रि 1 बजकर 36 मिनिट पर निर्यापक श्रमण पूज्य मुनि श्री 108 योग सागर जी महाराज जी और मुनि श्री निस्सीम सागर जी महाराज जी के मुख से णमोकार मन्त्र सुनते हुए परम वंदनीय 10 प्रतिमाधारी आदरणीय दादाजी ब्रह्मचारी भगवान दास जी का उत्कृष्ट समता पूर्वक यम संलेखना से समाधीमरण ज्ञानोदय त्यागीवर्त्ति आश्रम नेमावर जी हुआ
आदरणीय ब्रह्मचारी दादा जी 25 अप्रैल महावीर जयंती से संलेखना रत थे उन्होंने 17 जल उपवास और 3 निर्जल उपवास एवं 15 मई से वस्त्र त्याग कर यम संलेखना को धारण कर समतापूर्वक समाधि मरण को प्राप्त किया
ऐसी पुण्यशाली आत्मा को मेरा और मेरे परिवार का शत शत नमन
ॐ शांति ॐ शांति ॐ शांति
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